कवि शिरोमणि दास
यह कवि पंडित गंगा दास जी के शिष्य थे और इनके द्वारा रचित धर्मसार नामक ग्रंथ उपलब्ध है। इसमें कुल 755 दोहा एवं चौपाई हैं।